मुंबई, 28 जून, (न्यूज़ हेल्पलाइन) विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, कैंसर सबसे घातक बीमारियों में से एक है, जो 2020 में दुनिया भर में लगभग 10 मिलियन मौतों का कारण है। अगर समय पर इसका पता चल जाए तो इसे कुछ हद तक ठीक किया जा सकता है। कैंसर के लक्षण अक्सर अस्पष्ट होते हैं, और इसलिए नियमित स्व-जांच पुरुषों और महिलाओं दोनों के लिए महत्वपूर्ण है। अपनी उम्र, जीवनशैली और अन्य आदतों के कारण महिलाएं जितनी कैंसर कोशिकाओं के विकास के कगार पर हैं, पुरुष भी उतने ही खतरनाक पक्ष में हैं।
यह लेख पुरुषों के स्वास्थ्य और कैंसर के प्रकार के बारे में बात करता है जिससे उन्हें अधिक खतरा होता है।
प्रोस्टेट कैंसर :
पुरुषों में प्रोस्टेट कैंसर होने की संभावना उम्र के साथ बढ़ती जाती है। जहां कैंसर 60 साल की उम्र के बाद सबसे आम है, वहीं अब यह युवा पुरुषों में भी पाया जा रहा है। भारी धूम्रपान करने वालों के लिए कैंसर का खतरा दोगुना हो जाता है। प्रोस्टेट ग्रंथि पुरुषों में मूत्राशय के ठीक नीचे स्थित होती है और उनके शरीर में मूत्र के प्रवाह को नियंत्रित करने में मदद करती है। यह ध्यान देने योग्य लक्षण पैदा करने की संभावना नहीं है जो इसे और भी अधिक चिंताजनक बनाता है।
ब्लैडर कैंसर :
रोसवेल पार्क कॉम्प्रिहेंसिव कैंसर सेंटर की रिपोर्ट के मुताबिक, महिलाओं की तुलना में पुरुषों में ब्लैडर कैंसर होने का खतरा चार गुना ज्यादा होता है। जबकि लक्षण प्रोस्टेट कैंसर के समान दिखते हैं, मूत्राशय का कैंसर पूर्व की तुलना में कम गंभीर होता है। विभिन्न रिपोर्टों के अनुसार, प्रारंभिक अवस्था में मूत्राशय के कैंसर का इलाज किया जा सकता है और इसमें जीवित रहने की संभावना अधिक होती है।
फेफड़ों का कैंसर :
नशीली दवाओं के दुरुपयोग पर राष्ट्रीय संस्थान और रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र (सीडीसी) के अनुसार, पुरुषों में महिलाओं की तुलना में तंबाकू उत्पादों का सेवन करने की अधिक संभावना है। इससे उन्हें अपने समोच्च लिंग की तुलना में फेफड़ों के कैंसर होने का खतरा अधिक होता है। फेफड़े का कैंसर आमतौर पर अधिक धूम्रपान या अस्वास्थ्यकर वातावरण के संपर्क में आने से होता है। फेफड़े का कैंसर मस्तिष्क सहित शरीर के लिम्फ नोड्स या अन्य अंगों में फैल सकता है।